TEACHER’S DAY SPECIAL : अपने टीचर्स को दें शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं, करें उनका आदर सम्मान
Happy Teachers Day
गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। जीवन में माता-पिता का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता, क्योंकि वे ही हमें इस दुनिया में लाते हैं। कहा जाता है कि जीवन के सबसे पहले गुरु हमारे माता-पिता होते हैं। भारत में प्राचीन समय से ही गुरु व शिक्षक परंपरा चली आ रही है, लेकिन जीने का असली सलीका हमें शिक्षक ही सिखाते हैं। सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन शिक्षकों का सम्मान किया जाता है। क्या आप जानते हैं कि 5 सितंबर को ही इस दिन को मनाने के पीछे की वजह क्या है? इस दिन का इतिहास और महत्व? चलिए जानते हैं…
हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) मनाया जाता है। इस दिन का खास महत्व है। एक शिक्षक अपने छात्र को जीवन की कई महत्वपूर्ण बातें सिखाता है और उन्हें उस काबिल बनाता है। जिससे वह सही-गलत की पहचान कर सकें। जीवन के हर पहलू पर गौर कर सकें और बड़ों का आदर-सम्मान के साथ सफलता की ऊंचाईयों तक पहुंच सकें. शिक्षक के मार्गदर्शन के बिना जीवन में सफलता संभव नहीं हैं। इतिहास की बात रही हो या वर्तमान की या फिर भविष्य में भी..शिक्षकों का दर्जा सर्वोपरि रहा है और हमेशा रहेगा। इस शिक्षक दिवस (Teacher’s Day 2023) पर आइए जानते हैं, कि आखिर 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस? पहली बार इसे कब सेलिब्रेट किया गया था? क्या है इसका इतिहास और क्या है इस दिन का महत्व…
कब और क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस
भारत के पहले उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के मौके पर हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन शिक्षकों का सम्मान किया जाता है। उनके सम्मान में कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन भी होता है। बच्चे अपने गुरुजनों का आशीर्वाद लेते हैं और उन्हें गिफ्ट देते हैं।
कैसे हुई थी शिक्षक दिवस की शुरुआत
एक बार की बात है डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर उनके छात्रों ने उनसे पूछा कि क्या आज आपका जन्मदिन हम मना सकते हैं? क्या कोई कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं? इस पर बच्चों को समझाते हुए राधाकृष्णन ने जवाब दिया कि यह बहुत ही अच्छी बात है कि आप लोगों को दिल में मेरे लिए इतना सम्मान है। आप मेरा जन्मदिन मनाना चाहते हैं यह मेरे लिए और भी गर्व की बात है ये अच्छी बात है लेकिन अगर आप इस दिन को शिक्षकों के योगदान और समर्पण के तौर पर मनाए तो और भी अच्छा होगा। इससे ज्यादा खुशी मुझे किसी और चीज में नहीं होगी। इसी बात का सम्मान करते हुए हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
भारत में पहली बार कब मनाया गया था शिक्षक दिवस
वैसे तो भारत में शिक्षक दिवस डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के समय से ही मनाया जाता रहा है। साल 1994 में यूनेस्को ने 5 अक्टूबर को अंतर्राराष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा की। जबकि भारत में हर साल 5 सितंबर को ही टीचर्स डे मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों में कार्यक्रम होते हैं और शिक्षकों का सम्मान किया जाता है।
इस दिन स्कूलों में पढ़ाई बंद रहती है। स्कूलों में उत्सव, धन्यवाद और स्मरण की गतिविधियां होती हैं। बच्चे व शिक्षक दोनों ही सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। स्कूल-कॉलेज सहित अलग-अलग संस्थाओं में शिक्षक दिवस पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। छात्र विभिन्न तरह से अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं, तो वहीं शिक्षक गुरु-शिष्य परंपरा को कायम रखने का संकल्प लेते हैं।
उपसंहार
आज तमाम शिक्षक अपने ज्ञान की बोली लगाने में लगे हैं। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखें तो गुरु-शिष्य की परंपरा कहीं न कहीं कलंकित हो रही है। आए दिन शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों एवं विद्यार्थियों द्वारा शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार की खबरें सुनने को मिलती हैं।
इसे देखकर हमारी संस्कृति की इस अमूल्य गुरु-शिष्य परंपरा पर प्रश्नचिह्न नजर आने लगता है। विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों का ही दायित्व है कि वे इस महान परंपरा को बेहतर ढंग से समझें और एक अच्छे समाज के निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करें।
आप सभी को राजाभैया न्यूज़ डॉट कॉम की तरफ से शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं