
जांजगीर चांपा / छत्तीसगढ़ तेजी से विकसित हो रहा है। राज्य बनने के बाद से ही प्रदेश के कई हिस्सों में तेजी से विकास हुआ कई गांवों का कायाकल्प हुआ. यहां तक के सांसद और विधायकों ने भी एक-एक गांव को गोद लेकर लोगों की सुध ली. लेकिन फिर भी कुछ तस्वीरें ऐसी हैं। जो ये सोचने को मजबूर करती है कि क्या वाकई लोग विकसित हो गए हैं। जोबी गांव में आज भी लोग लालटेन युग में जीने को मजबूर
इसे जोबी गांव का दुर्भाग्य ही कह सकते है चार पंचायत में बंटे गांव में समस्याओं का अंबार सैकड़ो ग्रामीण निजी कम्पनी की दंश को झेल अंधेरे मे जीवन बिताने पर मजबूर है।
जिला मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर की दूरी में बसे जोबी गांव को अब तक राजस्व ग्राम का दर्जा नहीं मिल पाया तो वही आए दिन कई गंभीर समस्याओं से यहां बसे परिवार झूझते रहते हैं। जिनका समाधान करने वाले कोई भी जनप्रतिनिधि या जिम्मेदार खड़े नहीं होते यहां बसे लोग अधिकतर किसान वर्ग के हैं। जिसके कारण यहां मूलभूत समस्या का समाधान अब तक नहीं निकल पाया लंबे बरसों बाद जोबी बस्ती के लिए पहुंच मार्ग बन पाया और गली में सीसी रोड बन पाया है। यह गांव आज की 21 वी शदी में होने वाले विकास से कोसों दूर है। आधुनिक युग की दुनिया बिना बिजली पानी और मोबाइल के रहना संभव नहीं है ऐसे में इस गांव के लोग दो से तीन दिन-रात बिना बिजली के रहने मजबूर हो चुके हैं।
जिला मुख्यालय बनने के बाद से बिजली की समस्या कभी नहीं रही लेकिन पिछले तीन-चार वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र हरदी (हरि) सब स्टेशन से बिजली की सप्लाई लगभग 30 किलोमीटर की दूरी से होता आ रहा है। जिसके कारण आए दिन गांव में बिजली की समस्या बनी रहती है, ऐसे में यहां के ग्रामीण लोग काफी परेशान रहते हैं। जोबी गांव के चार से पांच घर शहर की लाइनों से जुड़ी है। तो दूसरी ओर कई बार समय-समय पर 36 से 48 घंटा तक बिजली गुल रहती है। गर्मी में तो जैसे तैसे ग्रामीण समस्या को काट लिए लेकिन बरसात के दिनों में बिजली गुल होना बड़ी समस्या है।
जिससे निजात दिलाने कोई जिम्मेदार सामने नही आ रहे रहे हैं। वही गांव की दुर्भाग्य है जो चार पंचायत से मिलकर भी विकास कार्यों से कोसो दूर दिखाई पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि भांठापारा जोबी में एक नामी बिजली ठेकेदार द्वारा लोहे की खंभा निर्माण करने का फैक्ट्री लगाया है। जिसमें बिजली आपूर्ति की आवश्यकता अधिक होने के कारण वह ग्रामीणों के घरों की बिजली 30 किलो मीटर दूरी से सप्लाई होने वाले कनेक्शन से जबरन जोड़वा दिया गया एक निजी कम्पनी की दंश वहां बसे सैकड़ों ग्रामीण झेल रहे है। ग्रामीणों द्वारा उस कम्पनी मालिक को भी इस बात के लिए कहा गया पर आज पर्यन्त तक कुछ नही हो पाया जिसे जल्द निजात ना मिली तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन करने की तैयारी हो रही है। ग्रामीण अपने हक और अधिकार की लड़ाई लड़ने तैयार है।