DEATH IN POLICE CUSTODY : पुलिस कस्टडी में मौत! जेलर, टीआई, डॉक्टर समेत 8 पर FIR के आदेश
Madhyapradesh
भोपाल / मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की जेल के अंदर मारपीट के बाद विचाराधीन कैदी की संदिग्ध मौत के मामले में कोर्ट ने 9 साल बाद बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने जेलर, टीआई और झूठी रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉक्टर पर FIR के निर्देश दिए हैं। मृतक मोहसिन की मां ने कोर्ट ने प्राइवेट कंप्लेंट दर्ज की थी। न्यायाधीश वीरेंद्र यादव ने इस मामले में जांच की थी। जिसके बाद जज मनीष मिश्रा ने टीआई मनीष राज सिंह भदोरिया, जेलर आलोक बाजपेई, क्राइम ब्रांच के पांच कांस्टेबल पर हत्या, साजिश रचने, साक्ष्य छिपाने की धाराओं में FIR के आदेश दिए हैं।
इस मामले में मृतक युवक की मां ने न्यायालय में एक परिवाद दायर किया था। मामला 23 जून 2015 का है। ग्वालियर के जेएएच अस्पताल में इलाज के दौरान बंदी मोहसिन खान (24) मौत हो गई थी। मोहसिन भोपाल का रहने वाला था। मोहसिन के परिजनों का आरोप था कि 3 जून 2015 को क्राइम ब्रांच भोपाल के सिपाही मुरली, दिनेश खजूरिया और चिरोंजी पूछताछ के लिए ले गए थे। जब वे मोहसिन को छुड़वाने के लिए क्राइम ब्रांच थाने पहुंचे तो उनसे 2 लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई।
क्राइम ब्रांच के बाद पुलिस ने मोहसिन पर टीटी नगर थाने में लूट का झूठा अपराध कायम कर उसे अदालत में पेश कर जेल भिजवा दिया। इससे पहले क्राइम ब्रांच और टीटी नगर थाने में उसके साथ मारपीट की गई थी। उसके प्राइवेट पार्ट में करंट लगाया था। इस बात की पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट में हुई थी। जेल में भी जेलर पर मोहसिन से मारपीट किए जाने के आरोप परिजन ने लगाए थे।
न्यायिक हिरासत में मोहसिन की मौत की न्यायिक जांच में भी पुलिस और जेल अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध बताई गई थी। शव का पीएम करने वाले डॉ. चंद्रशेखर ने मजिस्ट्रेट को दिए बयान में कहा था कि शव पोस्टमॉर्टम के लिए जिस समय लाया गया था, उससे 24 से 72 घंटे पूर्व उसकी मौत हो चुकी थी। शरीर पर निशान मिले थे।